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द्रौपदी मुर्मू जीवन परिचय : Draupadi Murmu Biography

कौन हैं देश की प्रथम महिला आदिवासी राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जाने इनके प्रारंभिक जीवनशिक्षा, परिवार, राजनीतिक जीवन के बारे में

द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू व्‍यक्तिगत जानकारी (Draupadi Murmu Personal Information)

द्रौपदी मुर्मू परिचय
पूरा नाम (Full Name)    

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu)

जन्म तिथि (Date Of Birth & Age) 20 जून 1958 (आयु 64 वर्ष)
पिताजी का नाम (Father’s Name) बिरांची नारायण टुडू (Biranchi Narayan Tudu) 
पति का नाम (Husband Name) श्याम चरण मुर्मू (Shyam Charan Murmu)
जाति और धर्म (Caste & Religion)

अनुसूचित जनजाति (ST),हिंदू

भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी 1997
राजनीतिक दल (Political Party) भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party)
बेटी का नाम (Daughter Name) इतिश्री मुर्मू (Itishree Murmu)


राष्ट्रपति चुनाव परिणाम की घोषणा (Presidential Election Result Announcement)

द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बन गई हैं। यशवंत सिन्हा विपक्ष उम्मीदवार थे। उनकी जीत के बाद विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बधाई देेते हुए लिखा हैं मैं राष्ट्रपति चुनाव 2022 में श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी की जीत पर उन्हें दिल से बधाई देता हूं।

और उम्मीद करता हूं कि भारत के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में वह बिना किसी डर या पक्षपात के संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करेगीं। मैं देशवासियों के साथ उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।

कौन हैं द्रौपदी मुर्मू (Who is Draupadi Murmu)

भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्‍त हो चुका हैं। यह ओडिशा से पहली राष्ट्रपति होंगी। वह एक सामान्य शिक्षक से राजनीति के सर्वोच्च शिखर की ओर बढ़ी हैं। 

उनका पूरा जीवन शुरू से ही समाज सेवा के प्रति समर्पित रहा हैं। अुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए उन्होंने काफी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। द्रौपदी मुर्मू झारखंड राज्य की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं। 

वह पूर्व संवैधानिक पद के लिए चुनाव लड़ने वाली पहली आदिवासी महिला हैं। और पूरे भारत में पहली आदिवासी महिला राज्यपाल होने का किताब द्रौपदी मुर्मू के नाम दर्ज हैं।

द्रौपदी मुर्मू सामान्‍य जानकारी (Draupadi Murmu Details)

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के मयूरभंज जिले में बैदापोसी नामक गांव में एक साधारण सांथाली हिंदू परिवार में हुआ था। इनके दादा दादी कई सालों तक गांव के मुख्‍य रहे थे। 

इन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक अध्यापिका के रूप में की थी। उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से विवाह किया और दो बेटे और एक बेटी को जन्म दिया। मगर अचानक उनके दोनों बेटे और पति की समय पर मृत्यु हो गई। उनकी पुत्री का विवाह हो गया हैं जो उड़ीसा के भुवनेश्वर में रहती है।

वर्ष 1997 में पंचायत परिषद का चुनाव जीतकर पहला कदम राजनीति में रखा। उन्होंने भाजपा के साथ खुद को जोड़ा और काफी दिनों तक एक प्रमुख चेहरे के रूप में कार्य किया। हाल ही में NDA की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति पद के लिए एक उम्मीदवार नियमित किया गया हैं।

द्रोपदी मुर्मू की शिक्षा (Draupadi Murmu's Education)

द्रोपदी मुर्मू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गॉव के निजी स्‍कूल से प्राप्‍त की। और भुवनेश्वर के रामा देवी महिला कॉलेज से इन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की हैं। 

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ग्रेजुएशन की पढाई पूरी होने के बाद इन्‍हें वह ओडिशा गवर्नमेंट में बिजली डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट के पद पर उन्‍हें नौकरी मिली थी। इन्होंने यह नौकरी साल 1979 से लेकर के साल 1983 तक की।

द्रौपदी मुर्मू बिना सैलरी लिए पढ़ाती थीं (Draupadi Murmu Used To Teach Without Taking Salary)

राजनीति से पहले द्रौपदी मुर्मू  टीचर रही हैं। समाज सेवा के प्रति उनका समर्पण ऐसा रहा हैं कि रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटिग्रल एजुकेशन सेंटर में वह बिना सैलरी के पढ़ाती थीं। उनकी राजनीति में पैठ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैं। 

द्रौपदी मुर्मू का परिवार (Draupadi Murmu's family)

 इनके पिताजी का नाम बिरांची नारायण टुडू हैं। और इनके पति का नाम श्याम चरण मुर्मू हैं इनके दो बेटे थे जो अब इस दुनिया मे नहीं हैं। अब सिर्फ इनकी बेटी हैं जिसका नाम इतिश्री हैं ।

जिसकी शादी द्रौपदी मुर्मू ने गणेश हेम्ब्रम के साथ हुई हैं। इनका व्यक्तिगत जीवन पति और बेटे की मृत्‍यु के कारण ज्यादा सुखमय नहीं रहा। 

द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन (Political Life of Draupadi Murmu)

  • द्रोपदी मुर्मू के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1997 में हुई जब उन्होंने पार्षद के रूप में स्थानीय चुनाव जीता। और उसी वर्ष, वह भाजपा के एसटी मोर्चा की राज्य उपाध्यक्ष बनीं।
  • भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर मुर्मू ने रायरंगपुर सीट से दो बार जीत हासिल की, और सन् 2000 में ओडिशा सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनी।
  • ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान, वह 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार मंत्री रही।
  • साल 2007 में मुर्मू को संयोग से ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष का सर्वश्रेष्ठ विधायक होने के लिए सम्मानित किया गया था।
  • अगले एक दशक में उन्होंने भाजपा के भीतर कई प्रमुख भूमिकाएँ निभाईं, एसटी मोर्चा के राज्य अध्यक्ष और मयूरभान के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  • 6 अगस्त, 2002 से मई 16, 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं।
  • ओडिशा की विधान सभा ने उन्हें वर्ष 2007 के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कारसे सम्मानित किया।
  • उन्हें 2013 में मयूरभंज जिले के लिए पार्टी के जिला अध्यक्ष पद के लिए पदोन्नत किया गया था।
  • मई 2015 में, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें झारखंड के राज्यपाल के रूप में चुना। वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं। वह ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं जिन्हें भारतीय राज्य में राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होना हैं और मतगणना 21 जुलाई को होनी है। 29 जून नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है।

द्रोपदी मुर्मू को प्राप्त पुरस्कार (Draupadi Murmu Received The Award)

द्रौपदी मुरमू को नीलकंठ पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए साल 2007 में प्राप्त हुआ था। यह पुरस्कार इन्हें ओडिशा विधानसभा के द्वारा किया गया था।

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